दिनांक: 5 मई 2025
स्थान: यमन
यमन की राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद (PLC) ने देश के वित्त मंत्री सलीम सालेह बिन ब्रिक को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। यह फैसला पूर्व प्रधानमंत्री अहमद अवद बिन मुबारक के अचानक इस्तीफे के बाद लिया गया, जिन्होंने संवैधानिक सीमाओं और प्रशासनिक अधिकारों की कमी को कारण बताया।
🔹 क्यों चर्चा में है?
यमन लंबे समय से गृहयुद्ध, आर्थिक संकट और संस्थागत जटिलताओं से जूझ रहा है।
नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति से देश में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक सुधारों की उम्मीद जगी है।
🧾 मुख्य बिंदु:
सलीम बिन ब्रिक: 2019 से यमन के वित्त मंत्री; पहले उप-वित्त मंत्री और अन्य प्रशासनिक पदों पर कार्य कर चुके हैं।
अहमद बिन मुबारक: फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री बने थे; विदेश मंत्री और अमेरिका में राजदूत रह चुके हैं।
इस्तीफे के बाद उन्हें PLC अध्यक्ष का सलाहकार नियुक्त किया गया।
⚠️ यमन की मौजूदा चुनौतियाँ:
2014 से गृहयुद्ध जारी, हौथी विद्रोहियों का सना पर कब्जा।
तेल निर्यात रुका होने से आर्थिक संकट गहराया।
यमनी रियाल में तेज गिरावट, जनजीवन प्रभावित।
संयुक्त राष्ट्र ने इसे विश्व की सबसे गंभीर मानवीय आपदाओं में बताया है।
Defense
12 May 2025, 05:29 PM (0thIST)
📅 तारीख: 11 मई 2025
📍 स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 मई 2025 को उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के लखनऊ नोड में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल निर्माण इकाई का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह ₹300 करोड़ की लागत से निर्मित अत्याधुनिक इकाई आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक रणनीतिक मील का पत्थर मानी जा रही है।
ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई के उद्घाटन को भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता और स्वदेशी रक्षा उद्योग को सशक्त बनाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।
पाकिस्तान के साथ जारी सैन्य तनाव के परिप्रेक्ष्य में यह इकाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह इकाई भविष्य में अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन का केंद्र बन सकती है।
📍 स्थान: उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा, लखनऊ नोड
💰 कुल लागत: ₹300 करोड़
🛠️ उद्देश्य: स्वदेशी मिसाइल उत्पादन को गति देना
📦 वार्षिक उत्पादन क्षमता:
पारंपरिक ब्रह्मोस मिसाइलें: 80–100 प्रति वर्ष
📅 घोषणा: 2025 में विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की।
🎖️ विशेषता: आक्रामक कप्तान, फिटनेस आइकन, और टेस्ट क्रिकेट में अनुशासन व जुनून का प्रतीक।
कुल टेस्ट मैच: 123
कुल रन: 9230
औसत: 46.85
सर्वोच्च स्कोर: 254* (दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, 2019)
शतक: 30
अर्धशतक: 31
भारत के चौथे सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज़ (सिर्फ सचिन, द्रविड़ और गावस्कर आगे)।
कप्तानी में भारत को विदेशों में टेस्ट जीत दिलाने वाले अग्रणी कप्तानों में से एक।
क्रिकेट में फिटनेस और आधुनिक नेतृत्व की नई परिभाषा गढ़ी।
"254"* विराट का सर्वोच्च स्कोर है — नाबाद दोहरा शतक।
कोहली ने टेस्ट को ग्लैमर और आक्रामकता के साथ जोड़ा।
उनके दौर में भारत ने ICC टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 स्थान लंबे समय तक बनाए रखा।
Defense
12 May 2025, 04:46 PM (0thIST)
📅 तारीख: 11 मई 2025
🎯 विषय (थीम): "नवाचार के माध्यम से टिकाऊ भविष्य को सशक्त बनाना"
पोखरण-II परमाणु परीक्षण की 27वीं वर्षगांठ पर मनाया गया।
भारत के वैश्विक तकनीकी नेतृत्व और पर्यावरण-अनुकूल नवाचारों को बढ़ावा देने पर केंद्रित।
📆 हर साल 11 मई को मनाया जाता है।
🏛️ 1999 में इसे घोषित किया गया (PM अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा)।
🧠 पोखरण-II परीक्षण (1998) के तहत डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नेतृत्व में ऑपरेशन शक्ति का सफल परीक्षण।
स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना
स्थायी (sustainable) और अभिनव (innovative) तकनीकी समाधान
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आत्मनिर्भरता
Health
12 May 2025, 04:43 PM (0thIST)
🔹 तिथि: 12 मई 2025
🔹 विषय: "हमारी नर्सें। हमारा भविष्य। नर्सों की देखभाल से मजबूत होती है अर्थव्यवस्था"
🔹 उद्देश्य:
नर्सों के स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा
सुरक्षित कार्य वातावरण और बेहतर वेतन की मांग
राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में नर्सों की भूमिका को मान्यता देना
🔹 इतिहास:
फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई 1820 को हुआ था
1953: दिवस की परिकल्पना (Dorothy Sutherland)
1974: 12 मई को आधिकारिक रूप से घोषित
🔹 महत्वपूर्ण परंपरा: दीप प्रज्वलन समारोह (Lamp Lighting)
🔹 पिछले विषय:
2024: देखभाल की आर्थिक शक्ति
2023: हमारी नर्सें। हमारा भविष्य
2022: नेतृत्व की आवाज़
Technology
12 May 2025, 04:39 PM (0thIST)
स्थान: बेंगलुरु
स्टार्टअप: Sarvam AI
उत्पाद: Bulbul-v2 (Text-to-Speech मॉडल)
Sarvam AI ने भारत की भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए Bulbul-v2 को विकसित किया है। यह मॉडल 11 भारतीय भाषाओं में प्राकृतिक, मानवीय जैसी आवाज़ें और प्रामाणिक क्षेत्रीय उच्चारण प्रदान करता है। इसका उद्देश्य है:
भारतीय दर्शकों के लिए अनुकूल आवाज़ें प्रदान करना
व्यवसायों, ब्रांडों और डेवलपर्स को एक प्रभावशाली TTS समाधान देना
डिजिटल भारत में भाषाई समावेशिता को बढ़ावा देना
Politics
12 May 2025, 04:36 PM (0thIST)
भारत के राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) का नया कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 14 मई 2025 से प्रभावी होगी और यह सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश को इस पद पर नियुक्त करने की परंपरा के अनुरूप है। अब न्यायमूर्ति सूर्यकांत देशभर में गरीबों और वंचित वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के इस राष्ट्रीय मिशन का नेतृत्व करेंगे।
क्यों है यह समाचार में?
न्यायमूर्ति सूर्यकांत को NALSA का कार्यकारी अध्यक्ष नामित किया गया है — एक ऐसा प्रमुख संस्थान जो समाज के कमजोर वर्गों को कानूनी सेवाएं सुनिश्चित करता है। यह नियुक्ति अनुच्छेद 39-ए के तहत भारत के संवैधानिक दायित्व को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य बिंदु:
नियुक्ति की तिथि: 14 मई 2025 से प्रभावी
नियुक्तिकर्ता: भारत के राष्ट्रपति
पूर्ववर्ती अध्यक्ष: न्यायमूर्ति बी.आर. गवई
कानूनी प्रावधान: विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 3(2)(b) के तहत
वर्तमान पद: सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (SCLSC) के अध्यक्ष
न्यायमूर्ति सूर्यकांत के बारे में:
वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं और मुख्य न्यायाधीश के बाद वरिष्ठता में दूसरे स्थान पर हैं।
कानूनी सहायता, न्यायिक सुधारों और न्याय तक पहुँच को लेकर विशेष योगदान।
पूर्व में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रह चुके हैं।
NALSA के बारे में:
स्थापना: 1995 (विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत)
मुख्यालय: नई दिल्ली
उद्देश्य: गरीब और वंचितों को मुफ्त कानूनी सेवा प्रदान करना
प्रमुख गतिविधियाँ: लोक अदालतें, कानूनी जागरूकता अभियान, विधिक सहायता शिविर
संवैधानिक आधार: भारत के संविधान का अनुच्छेद 39-ए (समान न्याय सुनिश्चित करने हेतु)
नियुक्ति का महत्व:
भारत की “न्याय तक पहुँच” प्रणाली को मजबूत करता है
सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के संवैधानिक दायित्व को सुदृढ़ करता है
न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नेतृत्व में संस्थागत सुधारों और कानूनी सेवा अभियानों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है.